रविवार, 16 जून 2013


मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं-जदयू भाजपा संबंध

भाजपा  को लालू, रामविलास के बाद नीतीश ने भी दिखाया ठेंगा 

भाजपा के लिए  यह सबक है। आज तक भाजपा ने काँग्रेस के खिलाफ़ बिहार में संपूर्ण क्रांति के नायक स्व जयप्रकाश जी के जीतने भी शिष्य को मदद किया आखिर में मजबूत होने के बाद उसने भाजपा को ठेंगा ही दिखाया है। आज सेक्यूलर  बनने के लिए नीतीश कुमार ने साथ छोड़ दिया । नीतीश जी के सेक्यूलर की परिभाषा सुन लगता है की महान मराठा वीर शिवाजी अगर ज़िंदा होते नीतीश जी उन्हें धरती का सबसे बड़ा सांप्रदायिक कह देते क्योंकि उन्होंने उस समय पुरे भारत पर शासन कर रहे मुगल एव आदिलशाही शासन के खिलाफ जंग कर हिंदु साम्राज्य की स्थापना का वीड़ा उठाया था। 
                                                नीतीश जी जनता से आप बस एक सवाल पुछीए  की अगर रेल दुर्घटना में कारसेवकों को ज़िंदा नही जलाया जाता तो क्या गोधरा कांड होता क्या? जबाब मिलेगा नही। आप रेल मंत्री थे तो क्या कारसेवकों की हत्या के जबाबदेह आप नहीं है। अगर बिहार की जनता मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग करने वाले रामविलास पासवान को रिकार्ड मत से जीतने के बाद कुर्सी से वेदखल क्र सकती है तो क्या आपको नहीं। आप अगर नैतिकता की बात करते है तो झुठ बोलते है क्योकि आप मुख्यमंत्री एनडीए के नेता चुने जाने के कारण बने थे तो आपको पहले मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर अलग होना चाहिए था। जनता देख रही है सही समय पर जबाब  देगी। 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

thank"s for comment