शनिवार, 31 मार्च 2012

1.आम- लीची के मंजर देख किसान-व्यापारी हर्षित 
इस बार आम और लीची के पेड़ में लगे लगे मंजर ने बगान मालिकों एवं आम-लीची के व्यापारीय़ों के दिल को बाग बाग रहा है। सभी को आशा है कि अगर मौसम की मार से अगर फसल बच गयी तो पिछले कई वर्षों का रेकार्ड टूट सकता है।          
                                                     
 1.अब पहली कक्षा पास भी दे सकेंगे मैट्रीक की परीक्षा, सरकार ने की व्यवस्था
>इंटर के विषयों की परीक्षा दे सकेंगे किश्तवार,
>पाँच वर्षों में नौ बार तक बैठ सकते है परीक्षा में
>6-6 माह पर होगी किश्तवार की परीक्षा,   
>जिले के सोलह विधालय चयनित इस सत्र से नामांकन शुरू,      
>31 मार्च है नामांकन कि अंतिम तिथि,  
> इग्नु की तरह का है बिहार मुक्त विधालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड
>बिहार में 568 विधालय चयनित 
अगर किसी वजह से आपकी पढ़ाई में कोई व्यवधान आ रहा है या आपने किसी भी कक्षा तक की पढ़ाई कर पढ़ाई छोड दिया है या आपका  बच्चा क्क्षा से पहले ही  मैट्रीक की परीक्षा पास कर सकता है तो आप भी कुछ शर्तों को पुरा कर मैट्रीक की परीक्षा में शामिल हो सकते है, इतना ही नहीं अगर आप मैट्रीक पास है और इंटर पास करना चाहते है तो इंटर की पाँच विषयों की परीक्षा भी आप किश्तवार दे सकते है।  इस सरकारी व्यवस्था की शुरुआत इस शिक्षण सत्र से बिहार के कुछ विधायालयों में शुरू की गयी है। इस सत्र में नामांकन की अंतिम तिथि 31 मार्च तक है।बिहार में इस प्रकार की शिक्षा मुहैया कराने के लिए 568 विधालय को चयनित किया गया है जिसमें मुजफ्फरपुर जिला के कुल 16 विधालय इस सत्र के लिये चुने गये है। इसमें सर्वाधिक 28 विधालय पटना और पूर्वी चम्पारण एवं सबसे कम  5 विधालय शिवहर से चयनित हुये है।  
                                                      इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविधालय की तर्ज पर बिहार सरकार ने मुक्त शिक्षा सर्वत्र शिक्षा के नारे के साथ दूरस्थ एवं मुक्त शिक्षा प्रणाली को समुचित रुप से विकसित करने के लिए स्नातक स्तर के नीचे सर्टिफिकेट और डिप्लोमा तक का प्रमाण पत्र  जीवन या नौकरी संवर्धन के उद्देश्य से बिहार मुक्त विधालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड बना कर इसकी शुरूआत की है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि आपको कब सीखना है, क्या सीखना है, कैसे सीखना है और कब परीक्षा में बैठना है का चयनकर्ता कोई और नहीं आप स्वयं होंगे। इसके साथ इसमें सीखने के लिए कोई समय, स्थान और गति का बंधन नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं पाँच वर्षो के दौरान आप नौ बार तक परीक्षा में भाग ले सकते है। इसकी सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि इस संस्थान के द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र को भारत और बिहार सरकार ने सीबीएससी, सीआईएससी के समान मान्यता दी है जिसके आधार पर इस संस्थान से उत्तीर्ण होने पर देश के किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान से शिक्षा ग्रहण किया जा सकेगा। यह संस्थान में कक्षा एक से बारहवाँ तक एवं रोजगार परक शिक्षा की भी व्यवस्था की गयी है। विषयों में चित्रकला, संगीत ,योग जैसे को भी शामिल किया गया है। 
                            मुजफ्फरपुर जिला में औराई के राजेवर उच्च विधालय, बन्दरा के सर्वोदय उच्च विधालय, बोचहा के राजकीयकृत पी.एन उच्च विधालय, गायघाट के श्री बालभद्र उच्च विधालय क्योटसा-बरूआरी, काँटी के प्रोजेक्ट बालिका उच्च विधालय, कटरा के राजकीय रामदयालु उच्च विधालय गांगेय, कुढनी के एम आर एस उच्च विधालय मनियारी, मरवन के गाँधी तनकी उच्च विधालय भटौना, मीनापुर के राम कृष्ण उच्च विधालय, मोतीपुर के राजकीय उच्च विधालय बरूराज, मुसहरी द्व्रिका नाथ उच्च विधालय मुजफ्फरपुर, पारू के राजकीय उच्च विधालय खुतैन, साहेबगंज के महावीर उच्च विधालय बैधनाथपुर एवं सकरा के आर के एस बी उच्च विधालय को उक्त संस्थान से मान्यता मिली है और इनमें इस सत्र से नामंकन जारी है।           


  

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