बुधवार, 6 नवंबर 2013



नरेन्द्र मोदी २०१४ के चुनावी समर के अभिमन्यु या अर्जुन
चुनाव का समय नजदीक आते देख जिस प्रकार भाजपा को छोड़ अन्य सभी राजनितिक दल नरेन्द्र मोदी के घेरने में लगे हुए है उसे देखते हुए महाभारत के दौरान हुए अभिमन्यु वध की कथा सहसा जहन में कौंध जाती है| महाभारत में जैसे सभी वीर योद्धा दुर्योधन के अधर्मरूपी हठ को पूरा करने के लिए एकमत होकर व्यूह की रचना किये और उस चक्रव्यूह में निहत्थे अभिमन्यु को मार डाला था, कुछ उसी प्रकार का प्रयास आज भी छद्म सेकुलरिज्म के नाम पर सारे दल मिलकर कर रहे है| इस चुनावी महाभारत में दुर्योधन के रोल में काँग्रेस है तो कर्ण की भूमिका बाखूबी ( केवल युद्घ के द्रष्टिकोण से ) नितीश कुमार निभा रहे है| विधवा विलाप की भूमिका दिग्विजय सिंह जैसे नेता कर रहें है|                    
                                                                लेकिन इस समर का परिणाम महाभारत के व्यूह रचना के परिणाम की तरह होगा इसमें भारत की जनता को संशय है|मोदी को अबिम्न्यु समझ सारे दल चाहे जितना प्रयास कर ले| लगता है जनता मोदी को आशीर्वाद देकर अर्जुन ण बना दे और परिणाम फिर महाभारत की तरह मोदी के पझ में हो?
                                    कथित सेक्लुरिज्म के मसीहा बनने में लगे यह लोग शायद भूल गए है इतिहास कहता है कि राजपुताना की मिट्टी में जन्मे योद्धाओं को मार कर मुगलिया सल्तनत ने लाखो माताओ की कोख सूनी , महिलाओं को विधवा एवं बच्चो को अनाथ बना दिया था| भारत के लोग इतिहास को क्या भूल सकेंगे|